सर्दी के मौमस में बढ़ सकते हैं कोरोना के मरीज, जानें क्या करने से बच सकते हैं आप

सर्दी के मौमस में बढ़ सकते हैं कोरोना के मरीज, जानें क्या करने से बच सकते हैं आप

सेहतराग टीम

कोरोना के मामले लगातार बढ़ते चले जा रहे हैं। इसको देखते हुए लोगों के मन में डर भी बैठता चला जा रहा है। वहीं इस महामारी का खौफ भी बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इसका खौफ ऐसा है कि किसी को भी सर्दी या जुकाम हो जाता है तो उसे लोग कोरोना का मरीज समझ लेते हैं। वहीं अब धीरे-धीरे सर्दी का मौसम करीब आ रहा है। ऐसे में सर्दी और जुकाम के मामले बढ़ने की आशंका और भी बढ़ जाती है। इसी को देखते हुए कयास लगाए जा रहे है कि सर्दी में 15,000 नए मामले एक दिन में आ सकते हैं। इतना ही नहीं सर्दी में लोगों को सांस की परेशानी भी ज्यादा हो सकती है।

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NCDC के अनुसार, दिल्ली में COVID-19 मामले की मृत्यु दर 1.9 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 1.5 प्रतिशत से अधिक है। सर्दी में कोविड-19 के मरीजों के बढ़ने की आशंका अधिक है। पारा कम होते ही कई बीमारियां लोगों को परेशान करने लगती हैं, जैसे सर्दी-जुकाम और दिल की बीमारी। इस मौसम में सांस के मरीजों को खासकर ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस बार सर्दी के मौसम में इन परेशानियों के साथ ही अतिरिक्त बीमारी कोविड-19 वायरस सब बीमारियों पर हावी हो सकता है। ऐसे में हम आपको बताते हैं कि कैसे आप सर्दी में अपनी हिफाजत कर सकते हैं-

फ्लू:

फ्लू कॉमन कोल्ड की तरह सामान्य बीमारी नहीं है, इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। फ्लू एक संक्रामक श्वसन बीमारी है, जो इन्फ्लूएंजा नाम के वायरस के कारण होती है। फ्लू के कारण शरीर में दर्द, गले में खराश, बुखार, सिरदर्द की परेशानी रहती हैं। इस बीमारी के सभी लक्षण कोविड-19 के लक्षण भी है। सर्द मौसम में आपको कॉमन कोल्ड और फ्लू से बचने के साथ ही कोरोना से भी बचना है।

कैसे बचा जाए:

  • सांस की स्वच्छता बनाए रखें, मास्क का इस्तेमाल करें
  • फ्लू के कीटाणुओं और जीवाणुओं से बचने के लिए अपने हाथों को बार-बार धोएं
  • खांसी या छींक आने पर अपने मुंह को अपने हाथों से ढककर रखें।
  • अगर किसी को जुकाम है, तो दूरी बनाए रखें।
  • इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए रोजाना व्यायाम करें।
  • इम्यूनिटी बूस्ट करने वाले खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करें।

कॉमन कोल्ड:

आमतौर पर सर्दी में खांसी, जुकाम, छींके, गले में खराश, सिर दर्द, चेस्ट पैन जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिन्हें हम सर्द मौसम में अक्सर नज़रअंदाज कर देते हैं। लेकिन इस सर्दी में आप इन छोटी-छोटी बीमारियों को नजरअंदाज नहीं करें, क्योंकि इनके साथ इस साल सर्दी में कोरोना भी जुड़ा है। इसलिए बेहतर है कि आप अपनी देखभाल करें।

कैसे इससे बचा जाए:

इन बीमारियों से बचने के लिए आप आराम करें। सर्दी से बचने की कोशिश करें। ठंडी चीजों से परहेज करें। घर का पका हुआ खाना खाएं। अच्छी सेहत के लिए तरल पदार्थों का सेवन करें।

निमोनिया:

निमोनिया एक ऐसी बीमारी है, जो कोरोना के लक्षणों में शामिल है। कोरोना के कई मरीजों की मौत निमोनिया होने की वजह से भी हुई है। आपको बता दे कि निमोनिया फेफड़ों का संक्रमण है, जो सर्दी के मौसम में होना आम है। ये बैक्टीरिया के कारण होने वाली बीमारी है, जो हल्का या गंभीर हो सकता है। अगर निमोनिया के लक्षण कम हो तो इसका इलाज घर पर किया जा सकता है, लेकिन अगर यह गंभीर हो जाता है, तो मरीज अस्पताल में भर्ती भी हो सकता है। यदि रोगी लगातार सर्दी या तेज बुखार का अनुभव करता है, तो डॉक्टर को दिखाना जरूरी है।

कैसे बचाना है:

  • वॉशरूम का इस्तेमाल करने के बाद अपने हाथ धोएं
  • रोज़ कसरत करें।
  • अच्छा भोजन, मौसमी सब्जियां और फल खाएं।
  • यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे तुरंत छोड़ दें।   

गला खराब होना:

सर्दी में गले में खराश होना बहुत परेशानी देता है। गले में खराश जीवाणु संक्रमण के कारण होती है, जिससे मरीज को बुखार आ सकता है। ये परेशानी बच्चों में बहुत आम है। इसकी वजह से खाना या पानी निगलने के दौरान गले में कठिनाई होती है। इतना ही नहीं इसकी वजह से सिरदर्द, सूजन लिम्फ नोड्स, बुखार भी हो सकता है।

कैसे बचें:

  • परेशानी से बचने के लिए सबसे पहले डॉक्टर को दिखाएं
  • गर्म पानी का अधिक सेवन करें
  • गले के गरारे करें।

ब्रॉन्काइटिस:

ब्रॉन्काइटिस के शिकार अक्सर दो साल से कम उम्र के बच्चे होते हैं। ब्रॉन्काइटिस श्वसन से जुड़ा संक्रमण है, जो RSV या श्वसन सिंपीथियल वायरस के कारण होता है। इसके लक्षणों में फेफड़ों में सूजन, सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। इस बीमारी से पीड़ित रोगी को हल्का बुखार, नाक में दर्द,सांस में घरघराहट और खांसी आदि हो सकती हैं।

कैसे बचाना है:

  • पर्याप्त आराम करें
  • ज्यादा नींद लें
  • हाइड्रेटेड रहें।

 

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